The Greatest Guide To sidh kunjika
The Greatest Guide To sidh kunjika
Blog Article
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
[These are typically preliminary stotras that need to be recited ahead of examining of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here is it told that if this kunjika stotram is recited then there is absolutely no really need to recite each one of these.]
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
अति गुह्यतरं देवि ! देवानामपि दुलर्भम्।।
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
No. Pratyahara means to convey the senses inside of. That is definitely, closing off exterior perception. Stambhana fixes the perception within by holding the sidh kunjika believed nonetheless as well as the feeling.
If one listens to Siddha Kunjika Strotam with comprehensive devotion, the individual will certainly encounter positive variations in his/her existence.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.